Sunday, May 10, 2020

Saibaba 11 Vachan In English, Marathi, Hindi, Telugu, Lyrics, Image

The 11 Vachans of Sai Baba of Shirdi In English And Marathi

शिर्डीस ज्याचे लागतील पाय ।
टालती अपे सर्व त्याचे । १
Whoever steps on the soil of Shirdi,will cease to suffer.

मझ्या समाधीची पायरी चढेल ।
दुःख हे हरेल सर्व त्याचे । २
Who so ever climbs the steps of my Samadhi,will loose all his sorrows.

जरी हे गेलो भी टाकून ।
तरी भी भक्तासाठी ३
Even as I shed this body,I will always be there for the devotee.

नवसास माझी पावेल समाधी ।
धरा दूढ बुद्धी माझ्या ठायी ४
My Samadhi will answer your prayers,have faith in me.

नित्य भी जिवंत जाणा हैंची सत्य ।
नित्य द्या प्रचीत आला मज 5
I will always be immortal for you.

शरण मज आला आणि वाया गेला ।
दाखवा दाखवा ऐसा कोणी ६
Those who surrender to me,will evolve and progress.

जो जो मज भजे जैसा जैसा भावे ।
तैसा तैसा पावे मीही त्यासी ७
Those who see me with love,so also will I see them.

तुमचा भी भार वाहीन सर्वथा ।
नव्हे हें अन्यथा वचन माझे ८
I will carry your burden,this is my promise to you.

जाया येथे आहे सहाय्य सर्वास ।
मागे जे जे त्यास ते ते लाभे ९
Those who seek my help,I will help them.

माजा जो जाहला काया वाचा मनी ।
त्याचा मी ऋणीh सर्वकाल १०
Whoever becomes one with me,I will forever be indebted to him.

साई म्हणे तोचि, तोचि झाला धन्य ।
झाला जो अनन्य माझ्या पायी ११

Whoever takes my name,will receive my grace.

 


Saibaba Shirdi 11 Vachan In Hindi

साईं बाबा के ग्यारह वचन और उनके अर्थ-

पहला वचन:

'जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा.'

- साईं बाबा की लीला स्थली शिरडी रही है. इसलिए साईं कहते हैं कि शिरडी आने मात्र से समस्याएं टल जाएंगी. जो लोग शिरडी नहीं जा सकते उनके लिए साईं मंदिर जाना भी पर्याप्त होगा.

दूसरा वचन:

'चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर.'

- साईं बाबा की समाधि की सीढ़ी पर पैर रखते ही भक्त के दुःख दूर हो जाएंगे. साईं मंदिरों में प्रतीकात्मक समाधि के दर्शन से भी दुःख दूर हो जाते हैं, लेकिन मन में श्रद्धा भाव का होना जरूरी है.

तीसरा वचन:

'त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा.'

- साईं बाबा कहते हैं कि मैं भले ही शरीर में न रहूं. लेकिन जब भी मेरा भक्त मुझे पुकारेगा, मैं दौड़ के आऊंगा और हर प्रकार से अपने भक्त की सहायता करूंगा.

चौथा वचन:

'मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस.'

- हो सकता है मेरे न रहने पर भक्त का विश्वास कमजोर पड़ने लगे. वह अकेलापन और असहाय महसूस करने लगे.

लेकिन भक्त को विश्वास रखना चाहिए कि समाधि से की गई हर प्रार्थना पूर्ण होगी.

पांचवां वचन:

'मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो.'

- साईं बाबा कहते हैं कि मैं केवल शरीर नहीं हूं. मैं अजर-अमर अविनाशी परमात्मा हूं, इसलिए हमेशा जीवित रहूंगा. यह बात भक्ति और प्रेम से कोई भी भक्त अनुभव कर सकता है.

छठवां वचन:

'मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए.'

- जो कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा से मेरी शरण में आया है. उसकी हर मनोकामना पूरी हुई है.

सातवां वचन:

'जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का.'

- जो व्यक्ति मुझे जिस भाव से देखता है, मैं उसे वैसा ही दिखता हूं. यही नहीं जिस भाव से कामना करता है, उसी भाव से मैं उसकी कामना पूर्ण करता हूं.

आठवां वचन:

'भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा.'

- जो व्यक्ति पूर्ण रूप से समर्पित होगा उसके जीवन के हर भार को उठाऊंगा. और उसके हर दायित्व का निर्वहन करूंगा.

नौवां वचन:

'आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर.'

- जो भक्त श्रद्धा भाव से सहायता मांगेगा उसकी सहायता मैं जरूर करूंगा.

दसवां वचन:

'मुझमें लीन वचन मन काया , उसका ऋण न कभी चुकाया.'

- जो भक्त मन, वचन और कर्म से मुझ में लीन रहता है, मैं उसका हमेशा ऋणी रहता हूं. उस भक्त के जीवन की सारी जिम्मेदारी मेरी है.

ग्यारहवां वचन:

'धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य.'

- साईं बाबा कहते हैं कि मेरे वो भक्त धन्य हैं जो अनन्य भाव से मेरी भक्ति में लीन हैं. ऐसे ही भक्त वास्तव में भक्त हैं.

 
 Saibaba Shirdi 11 Vachan In Telugu

 

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